Ali Baba Chalis Chor Kahani

अली बाबा और चालीस चोर: हिंदी कहानी

हिंदी में परी कथाएँ

परिचय

अली बाबा और चालीस चोर एक लोकप्रिय परी कथा है जो सदियों से दुनिया भर में सुनाई जाती रही है। यह एक गरीब लकड़हारे, अली बाबा की कहानी कहती है, जो चालीस चोरों के गुप्त खजाने की खोज करता है।

कहानी

एक दिन, अली बाबा जंगल में लकड़ी काट रहा था जब उसने चालीस घुड़सवारों को एक गुफा में दाखिल होते देखा। घुड़सवारों के पास सोना, चांदी और गहने से भरे पिटारे थे। अली बाबा ने गुफा के बाहर छिपकर घुड़सवारों के जाने का इंतजार किया।

जब चोर चले गए, अली बाबा गुफा में गया और उसने पाया कि दीवार पर "खुल जा सिम-सिम" शब्द खुदे हुए हैं। अली बाबा ने शब्दों को ज़ोर से बोला और गुफा का दरवाज़ा खुल गया। गुफा अद्भुत खजाने से भरी हुई थी।

अली बाबा अपने घर ले जाने के लिए जितना खजाना ले जा सकता था, ले गया। लेकिन उसने अपने भाई कसीम को खजाने के बारे में नहीं बताया। कसीम ने अली बाबा का पीछा किया और गुफा में प्रवेश किया, लेकिन उसने "खुल जा सिम-सिम" कहना भूल गया।

चोर कसीम को गुफा में पाकर क्रोधित हो गए और उसे मार डाला। जब अली बाबा ने अपने भाई को गुफा में नहीं पाया, तो वह उसकी तलाश में निकला। उसे गुफा के बाहर कसीम का शरीर मिला और उसे दफना दिया।

अली बाबा ने चोरों को गुफा में फिर से प्रवेश करता देख लिया और उन्होंने उसे पकड़ लिया। चोरों ने अली बाबा को मारने का फैसला किया, लेकिन अली बाबा की चालाक पत्नी ने चोरों को एक-एक करके मार डाला।

निष्कर्ष

अली बाबा और चालीस चोर की कहानी हमें ईमानदारी, चालाकी और अच्छाई की जीत का महत्व सिखाती है। यह कहानी हमें यह भी याद दिलाती है कि लालच खतरनाक हो सकता है।


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